Friday, January 29, 2021

सोती हुई ओस की बूंदों को जगाया है तुमने, इस अजनबी दुनिया से रूबरू कराया है तुमने, अहसानमंद रहेंगे हम तेरी इस मेहरबानी के लिए अंधेरों में इक उगते सूरज को दिखाया है तुमने....

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