Saturday, January 08, 2022

डूबता हैं दिन तो शाम को साये उड़ते हैं तेरी यादें लिये एक एक बात याद हैं, आधी रात के पूरे चाँद को जागते हुये भी हूँ ख्वाब में, चेहरा एक हैं लेती हूँ नाम दो रीत के टिलों की सुनती हूँ बोलियाँ यहाँ....... ~गुल.जार

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