Saturday, November 13, 2021

मोहब्बतों को सलीक़ा सिखा दिया मैंने तेरे बग़ैर भी जी कर दिखा दिया मैंने ** बिछड़ना - मिलना तो क़िस्मत की बात है लेकिन दुआएं दे तुझे शायर बना दिया मैंने *** जो तेरी याद दिलाता था चहचहाता था मुंडेर से वो परिंदा उड़ा दिया मैंने *** जहाँ सजा के मैं रखती थी तेरी तस्वीरें अब उस मकान में ताला लगा दिया मैंने - अंजुम रहबर

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