Wednesday, October 20, 2021

श्लोक ~ * अधर मंत्र-सी आंखें देवालय-सा तन रामायण-सा रूप तुम्हारा सांसें वृंदावन * मौलश्री की छांव के नीचे तुम ऐसी दिखती हो भोजपत्र पर-जैसे कोई वेद-ऋचा लिख दी हो जब से दरस तुम्हारा पाया हुआ तथागत मन श्लोक अधर मंत्र-सी आंखें देवालय-सा तन रामायण-सा रूप तुम्हारा सांसें वृंदावन ....

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