Monday, April 05, 2021

रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने तू कोई झील है, झरना है, घटा है,क्या है ? नाम होटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले। तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है,क्या है ?

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