Saturday, April 10, 2021

उसके एहसास की परछाईयाँ मेरे साथ है.. मैं कैसे कह दूँ मेरा कोई हमसफ़र नही .. आँखों से कहो प्यार का अंदाज़ न बदले ...... सांसों से कहो दर्द का ये साज़ न बदले .......... आये गा कभी प्यार का मौसम भी किसी रोज़ . ........... धडकनों से कहो रूह का हमराज़ न बदले ............ मिलते हैं दूर जा के दरिया के दो किनारे ........... चाहतों से कहो सफर का अंदाज़ न बदले ............. सुनते हैं हर एक पल में तेरे आने की आहट............ पाऊँ से कहो चलने का अंदाज़ न बदले ................ https://youtu.be/v-Ev_odGl-c

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