Sunday, March 28, 2021

" तुम वहाँ साँझ का सूरज देखो, मैं यहाँ उसमें तुम्हे पा लूंगा, . तुम वहां जुल्फ के जरा खम खोलो, मैं आब-ए-चश्म मैं सहला लूंगा, . तुम ख्यालों में यूँही खुश हो लो, मैं तुम्हे सोच के मुस्करा लूंगा, "

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