Saturday, March 13, 2021

कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत ?🌺💛 प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुंभ वसंत।🌻🌾💚 चूड़ी भरी कलाइयाँ, खनके बाजू-बंद,🌺💛 फागुन लिखे कपोल पर, रस से भीगे छंद। फीके सारे पड़ गए, पिचकारी के रंग,🌺💛 अंग-अंग फागुन रचा, साँसें हुई मृदंग।🌻🌾💚 धूप हँसी बदली हँसी, हँसी पलाशी शाम,🌺💛 पहन मूँगिया कंठियाँ, टेसू हँसा ललाम। कभी इत्र रूमाल दे, कभी फूल दे हाथ,🌺💛 फागुन बरज़ोरी करे, करे चिरौरी साथ। नखरीली सरसों हँसी, सुन अलसी की बात,🌻🌾💚💛 बूढ़ा पीपल खाँसता, आधी-आधी रात।🌺💛 बरसाने की गूज़री, नंद-गाँव के ग्वाल, दोनों के मन बो गया, फागुन कई सवाल।🌺💛 इधर कशमकश प्रेम की, उधर प्रीत मगरूर, जो भीगे वह जानता, फागुन के दस्तूर।🌺💛 पृथ्वी, मौसम, वनस्पति, भौरे, तितली, धूप, सब पर जादू कर गई, ये फागुन की धूल। 💛💙💜💚💝🌻🌾💚💛🌺

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