Sunday, March 21, 2021

कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत ?🌺💛 प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुंभ वसंत।🌻🌾💙💚 . चूड़ी भरी कलाइयाँ, खनके बाजू-बंद,🌺💛 फागुन लिखे कपोल पर, रस से भीगे छंद। . फीके सारे पड़ गए, पिचकारी के रंग,🌺💛 अंग-अंग फागुन रचा, साँसें हुई मृदंग।🌻🌾💚💙 . धूप हँसी बदली हँसी, हँसी पलाशी शाम,🌺💛 पहन मूँगिया कंठियाँ, टेसू हँसा ललाम। . कभी इत्र रूमाल दे, कभी फूल दे हाथ,🌺💛 फागुन बरज़ोरी करे, करे चिरौरी साथ। . नखरीली सरसों हँसी, सुन अलसी की बात,🌻🌾💚💛 बूढ़ा पीपल खाँसता, आधी-आधी रात।🌺💛 . बरसाने की गूज़री, नंद-गाँव के ग्वाल, दोनों के मन बो गया, फागुन कई सवाल।🌺💛 . इधर कशमकश प्रेम की, उधर प्रीत मगरूर, जो भीगे वह जानता, फागुन के दस्तूर।🌺💛 . पृथ्वी, मौसम, वनस्पति, भौरे, तितली, धूप, सब पर जादू कर गई, ये फागुन की धूल। 💛💙💜💙💚💝🌻🌾💚 💛🌺

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