Thursday, March 04, 2021

अमृत की चाह में, प्रतिदिन स्वम को मथता हूँ थोड़ा सा जीवन निकालता हूँ, रोज़ इस जीवन का विषपान करता हूँ मैं रोज़ नीलकंठ बनता हूँ..... महाशिवरात्रि की शुभकामनाये.... HAR HAR MAHADEV ...

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