Tuesday, February 16, 2021

︵⁄ ❥ ´⁀ ⁀❥🦇❥ℓ σ √ ε ´⁀❤️ ❥(¯`v´¯)¸.•´*¨`*•✿︵⁄  ︵⁄ ……. .. - •.¸.•´…︵⁄  ︵⁄ February 2016 अलविदा.... भावभीनी श्रद्धांजलि...निदा साहब।🌻 ये ज़िन्दगी आज जो तुम्हारे बदन की छोटी-बड़ी नसों में मचल रही है तुम्हारे पैरों से चल रही है तुम्हारी आवाज़ में ग़ले से निकल रही है तुम्हारे लफ़्ज़ों में ढल रही है ये ज़िन्दगी जाने कितनी सदियों से यूँ ही शक्लें बदल रही है बदलती शक्लों बदलते जिस्मों में चलता-फिरता ये इक शरारा जो इस घड़ी नाम है तुम्हारा इसी से सारी चहल-पहल है इसी से रोशन है हर नज़ारा सितारे तोड़ो या घर बसाओ क़लम उठाओ या सर झुकाओ तुम्हारी आँखों की रोशनी तक है खेल सारा ये खेल होगा नहीं दुबारा ये खेल होगा नहीं दुबारा ╰⊰✿ निदा फ़ाज़ली NOW is the only reality. All else is either memory or imagination. ︵⁄ ❥ ´⁀ ⁀❥🦇❥ℓ σ √ ε ´⁀❤️ ❥(¯`v´¯)¸.•´*¨`*•✿︵⁄  ︵⁄ ……. .. - •.¸.•´…︵⁄  ︵⁄ Osho ε ´⁀❤️ ❥(¯`v´¯)¸.•´*¨`*•✿

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