Wednesday, February 10, 2021

अलविदा.... . भावभीनी श्रद्धांजलि...निदा साहब।🌻 . दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ? " मिट्टी से माटी मिली खो के सभी निशान किसमें कितना कौन हे कैसे हो पहचान " .. फ़ाज़ली साहिब एक चिराग़ है जो राह दिखाते रहेंगे हमें हर मोड़ पर .. . जब भी किसी निगाह ने मौसम सजाए हैं तेरे लबों के फूल बहुत याद आए हैं। . निकले थे जब सफ़र पे तो महदूद था जहाँ तेरी तलाश ने कई आलम दिखाए हैं। * रिश्तों का .ऐतबार वफ़ाओं का इंतज़ार हम भी चिराग़ लेके हवाओं में आए हैं। * रास्तों के नाम वक़्त के चेहरे बदल गए अब क्या बताएँ किसको कहाँ छोड़ आए हैं। * ए शाम के फ़रिश्तों ज़रा देख के चलो बच्चों ने साहिलों पे घरौंदे बनाए हैं। ╰⊰✿ निदा फ़ाज़ली

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