Friday, January 15, 2021

एक कहानी अमृता प्रीतम की कलम से...... एक औरत थी उसने सच्चे मन से मोहब्बत की थी... .. एक बार उसके प्रेमी ने उसके बालो में लाल गुलाब का फूल लगा दिया .... . तब उस औरत ने मोहब्बत के बड़े प्यारे गीत लिखे.. ....लेकिन वह मोहब्बत परवान ना चढी... . तो उस औरत ने अपनी ज़िन्दगी समाज के गलत मूल्यो पर न्योछावर कर दी... ....एक असहनीय पीड़ा उसके दिल में घर कर गयी और वह सारी उम्र अपनी कलम को उस पीड़ा में डूबोकर गीत लिखती रही... ... 'आत्म-वेदना एक वह द्रष्टि प्रदान करती है, जिसमे कोई परायी पीड़ा को देख सकता है'........ उसने अपनी पीड़ा में समूची मानवता की पीड़ा को मिला लिया और फिर ऐसे गीत लिखे जिनमे सिर्फ उसकी नही जगत की पीड़ा थी.... .....फिर वह औरत मर गयी और उसकी कब्र पर ना जाने किस तऱहा तीन गुलाब उग आये.. ......कहते है उस औरत ने जो मुहोब्बत के गीत लिखे वो लाल गुलाब बन गये, जो दर्द भरे गीत लिखे वो काले गुलाब बन गये और जो मानव प्रेम के गीत लिखे वो सफेद गुलाब बन गये....... .........अमृता प्रीतम.........

0 Comments:

Post a Comment

<< Home