Wednesday, January 27, 2021

____दिल ढूँढता है फिर वही फुर्सत के रात-दिन ! ______________________________ ता उम्र कट गयी तेरे इंतेजार में न तुम आयीं न तेरी सदा ही आयी हम उम्मीद का दामन थामे ...... ....तेरे आने की राह देखते रहे इक उम्र मिली थी जो अब ------- तेरे इंतेजार में कट रही है ......... इक आस जो अब भी सांस ले रही है .......कि शायद तुम एक बार मुड के ...अपने माजी को देख लो .....

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