Monday, December 28, 2020

~~मासूम सी नींद में, जब कोई सपना चले हमको बुला लेना तुम, पलकों के पर्दे तले ~~ये रात है ख्वाब की, ख्वाब की रात है फ़िर वही रात है, फ़िर वही रात है ख्वाब की ~~रात भर ख्वाब में देखा करेंगे तुम्हें...... ~गुलज़ार

0 Comments:

Post a Comment

<< Home