Wednesday, December 23, 2020

मखमली सी हवा खुलकर बिखरी है संगदिल सी महक़ लिए भीगे मौसम की इस रुत में वो फूल खिला है इक जो एक पल के लिए महक रहा है कहीं मुझमें अबतक........🌸

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