Sunday, August 16, 2020

 सुर्ख गुलाब की भीनी सुगंध
.जेहन मे भर जाती सी

मन मकरंद तन गुलकंद
अपने. पास बुलाती सी

कोमल पंखुड़ियो का
स्पर्श इक एहसास
तुम बन छू जाती सी

धीमा नशा बन चढ़ा
मन मेरा बौराती सी

सिमटू या समेट लूँ
पलपल मोह.जगाती सी

जाने. क्या जादू भरती
खींच पास.ले जाती सी

जब जब देखा सुर्ख गुलाब
खुशबू इक मदमाती
मेरे यादों को महकाती सी ...💗🌹√,•*´✿((((((( )))))
https://youtu.be/OiZ1cABZusY

 

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