Saturday, August 29, 2020


ढाई अक्षर की बात कहने में कितनी तकलीफ़ उठा रखी है.. तूने आँखों में छुपा रखी है मैंने होंठों में दबा रखी है...!! तू दिन सी है और मैं रातों सा आओं ना मिल जायें कभी शामों की तरह...

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