Friday, August 28, 2020


सावन का मौसम था, पूनम की रात थी, मैं उसके पास था, वो मेरे करीब थी.. फिर वो मेरे पास आई, और थोड़ी सी घबराई, जब मैने उसका हाथ पकड़ा, तो वो थोड़ी सी शरमाई.. उसने कहा आज हम, ऐसे बन्धन में बंध जाऐंगे, जिसे दुनियाँ की, कोई ताकत ना तोड़ पाऐ.. मेरी खुशी का अन्दाज़ा, लगाना मुश्किल था, पर इसके आगे जो हुआ, वो बताना भी मुश्किल है.. उसने मेरे हाथ, हाथों मे लेकर कहा, ये तो जन्म जन्मों का बन्धन है.. फिर मुझे याद आया, वो सावन का मौसम, वो पूनम की रात, ये तो रक्षा-बन्धन है..!!!

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