माखन चुराकर जिसने खाया;बंसी बजाकर जिसने नचाया;ख़ुशी मनाओ उसके जन्म की;
जिसने दुनिया को प्रेम सिखाया।कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें!
वो मोर मुकुट, वो है नंद लाला;वो मुरली मनोहर,
बृज का ग्वाला;वो माखन चोर,
वो बंसी वाला;खुशियां मनायें उसके जन्म की;जो है इस जग का रखवाला।कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें!
देखो फिर जन्माष्टमी आई है;माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई है;
कान्हा की लीला है सबसे प्यारी;दे आपको वो दुनिया की खुशियां सारी।कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें!
कृष्ण की महिमा, कृष्ण का प्यार;
कृष्ण में श्रद्धा,
कृष्ण से ही ये संसार;मुबारक़ हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें!
नंद के घर आनंद ही आनंद भयो;
जो नंद के घर गोपाल आयो;जय हो मुरलीधर गोपाल की;
जय हो कन्हैया लाल की।कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ कामनायें
राधे कृष्णइसे धीरे-धीरे बोलें रा. . .ह. . .दे. . . कृष्णजिसका मतलब है;
हे ईश्वर! मुझे वो दिशा दिखा जिससे मैं सही राह पर चल सकूं।
माखन का कटोरा मिश्री का थाल;मिटटी की खुशबु बारिश की फुहार;
राधा की उम्मीदें कन्हैया का प्यार;मुबारक हो जन्माष्टमी का त्यौहार!
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया;यमुना तट पर विराजे है;मोर मुकुट पर,
कानों में कुंडल;कर में मुरलिया साजे है।हैप्पी जन्माष्टमी!

राधा की चाहत है कृष्ण;उसके दिल की विरासत है कृष्ण;चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण;दुनिया तो फिर भी यही कहती है;राधे कृष्ण, राधे कृष्ण।
मेरो तो गिरधर गोपाल;दूसरो न कोई;जाके सर मोर मुकुट;मेरो प्रभु सोई।शुभ जन्माष्टमी!
0 Comments:
Post a Comment
<< Home