Wednesday, July 22, 2020



ग़म तो कोई नही
फिर भी उदास है दिल...
शिकवा यू कोई नही
फिर भी गुनहगार है दिल...
कोई आस नही मचलती
फिर भी शाम-ए-इंतज़ार है दिल...
कोई ज़ख्म नही दिखते
फिर भी खून-ए-बहार है दिल...
किसी खामोश पतझड की तरह
अपनी डाली से टूट रहा है दिल...🍂🍂🍃🍃
मुझे बेरूख कर..
मुझ ही से रूठ रहा है दिल...🌼💙




0 Comments:

Post a Comment

<< Home