Sunday, April 05, 2020

रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने
तू कोई झील है, झरना है, घटा है,क्या है ?
नाम होटों पे तेरा आए तो राहत सी मिले।
तू तसल्ली है, दिलासा है, दुआ है,क्या है  🌸🌺💗💙














🌸🌺💗💙



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