Monday, March 23, 2020

जीवन " सूना - सूना " सा था मेरा ,
उसमे एक “ हलचल “ सा है प्यार तेरा।
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“खोया - खोया " सा रहता था , शामो - सहर ,
उसमे कुछ “पाया - पाया " सा है प्यार तेरा।
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"उदासी” से भरा था हर पल मेरा,
उसमे “मुस्कराता " हुआ दिन सा है प्यार तेरा।
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थक गया था , जीवन के कठिन रास्तो से ,
उसमे " सरल " रास्तो सा है प्यार तेरा।
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रिश्ते “झूठे” थे , थे अपने झूठे ,
उसमे " सच् " सा है प्यार तेरा।
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सब तो "स्वार्थवश " साथ चले थे ,
उसमे " निःस्वार्थ " सा है प्यार तेरा।
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उलझा -उलझा सा था , वक्त मेरा
उसमे " सुलझा -सुलझा " सा है प्यार तेरा।
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"खाली -खाली " सा था , मेरी आँखों में कुछ ,
उसमे कुछ “भरा -भरा " सा है प्यार तेरा।
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मन के समंदर में कोई “सीप” खाली पड़ी थी ,
उस सीप में मोती सा है प्यार तेरा।💛🌼🎶
https://youtu.be/HH6ZiNsg7ow







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