Thursday, February 13, 2020

 10th February 2016
अलविदा....
भावभीनी श्रद्धांजलि...निदा साहब।🌻
दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ?
" मिट्टी से माटी मिली खो के सभी निशान
किसमें कितना कौन हे कैसे हो पहचान "

फ़ाज़ली साहिब एक चिराग़ है जो राह दिखाते रहेंगे हमें
हर मोड़ पर ..

जब भी किसी निगाह ने
मौसम सजाए हैं
तेरे लबों के फूल बहुत
याद आए हैं।

निकले थे जब सफ़र पे तो
महदूद था जहाँ
तेरी तलाश ने कई
आलम दिखाए हैं।

रिश्तों का .ऐतबार
वफ़ाओं का इंतज़ार
हम भी चिराग़ लेके
हवाओं में आए हैं।

रास्तों के नाम वक़्त के
चेहरे बदल गए
अब क्या बताएँ किसको
कहाँ छोड़ आए हैं।

ए शाम के फ़रिश्तों
ज़रा देख के चलो
बच्चों ने साहिलों पे
घरौंदे बनाए हैं। 💙💦🥀
╰⊰✿ निदा फ़ाज़ली

 
💙💦🥀╰⊰✿🌹



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