Thursday, January 23, 2020

ओस पडी थी रात बहोत और कोहरा था गरमाइश पर
सीली सी खामोशी मे आवाज सुनी फर्माइश पर
फासले है भी और नही भी नापा तोला कुछ भी नही
लोग बजीद रहते है फिर भी रिश्तो की पैमाइश पर !ڪےღ✿ ڪےღ
~गुल.जार










 ڪےღ✿ ڪےღ

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