तेज़ बारिश में कभी सर्द हवाओं में रहा ,
इक तेरा ज़िक्र था जो मेरी सदाओं में रहा ,
कितने लोगों से मेरे गहरे मरासिम हैं मगर
तेरा चेहरा ही फ़क़त मेरी दुआओं में रहा ....!💞
♡🌹 💝
लोग कहते है तुम क्यों अपनी मोहब्बत का इज़हार
दोस्तों से नहीं करते ?
मैंने कहा-जो लफ्ज़ो मे बयां हो जाये ,
सिर्फ उतना प्यार हम उनसे नहीं करते ...
❤उल्फतभरी शाम का सलाम ❤✿(✿◠‿◠)
https://youtu.be/EoCz3Vx1pXg
https://youtu.be/grz-0uZDk6Y?list=RDgrz-0uZDk6Y
'' तुम तुम बस तुम ...
लो ख़त्म हुई दास्ताँ दिल की .''
♡🌹💝
इक तेरा ज़िक्र था जो मेरी सदाओं में रहा ,
कितने लोगों से मेरे गहरे मरासिम हैं मगर
तेरा चेहरा ही फ़क़त मेरी दुआओं में रहा ....!💞
♡🌹 💝
लोग कहते है तुम क्यों अपनी मोहब्बत का इज़हार
दोस्तों से नहीं करते ?
मैंने कहा-जो लफ्ज़ो मे बयां हो जाये ,
सिर्फ उतना प्यार हम उनसे नहीं करते ...
❤उल्फतभरी शाम का सलाम ❤✿(✿◠‿◠)
https://youtu.be/EoCz3Vx1pXg
https://youtu.be/grz-0uZDk6Y?list=RDgrz-0uZDk6Y
'' तुम तुम बस तुम ...
लो ख़त्म हुई दास्ताँ दिल की .''
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