Tuesday, January 28, 2020



दिल भी हमने वारा है ,जां भी हमने वारी है
आपकी मोहब्बत ही ,.ज़िन्दगी हमारी है
आओ बाँट लेते हैं ,क़ायनात को अपनी
तीरगी हमारी है , रौशनी तुम्हारी है
ज़ुल्मतों के तूफां में, जल के बुझ गए कितने
सौ चरागों पर लेकिन ,इक चराग भारी है
लड़खड़ाते क़दमों से, बदगुमान मत होना
उन नशीली आँखों की ,बस ज़रा खुमारी है
तीरगी लरज़ती है, उसका नाम सुनते ही
जिसके नूर में डूबी, क़ायनात सारी है
जबकि सतह दरिया पर , बुलबुले हैं पानी के
फिर भी कह रहे हैं सब , ये .जमीं हमारी है ~~~🌾




 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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